पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य शराब घोटाले में गिरफ्तार, जानिए क्या बोले भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है।

Jul 18, 2025 - 14:23
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य शराब घोटाले में गिरफ्तार, जानिए क्या बोले भूपेश बघेल
Former Chief Minister Bhupesh Baghel's son Chaitanya arrested in liquor scam, know what Bhupesh Baghel said

छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी उनके भिलाई स्थित घर पर हुई जहां ईडी की टीम ने नए सबूतों के आधार पर तलाशी ली। 

इस दौरान ईडी को मौके से कई अहम दस्तावेज मिले। पूछताछ में चैतन्य से स्पष्ट जवाब न मिलने पर उन्हें हिरासत में लेकर आगे की जांच के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने रायपुर और भूपेश बघेल के अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की।

भूपेश बघेल का बयान

ईडी की इस कार्रवाई को लेकर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ईडी उनके घर पहुंच गई है जबकि आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है और उन्हें तमनार में अडानी द्वारा कराए जा रहे पेड़ कटाई का मुद्दा उठाना था। 

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि ईडी की यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और कहा कि वे न डरेंगे और न झुकेंगे। उन्होंने साफ किया कि लोकतंत्र और न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है।

करीब 2,161 करोड़ रुपये की अवैध वसूली

इस मामले की जांच में ईडी ने पाया कि साल 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब बिक्री के जरिए करीब 2,161 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई। इसमें सरकारी अधिकारी, राजनेता और शराब कारोबारी शामिल थे, जिन्होंने मिलकर एक संगठित नेटवर्क के तहत शराब की बिक्री और वितरण में हेराफेरी की। 

जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इस घोटाले से हर महीने नकद पैसा दिया जाता था और शराब कंपनियों से रिश्वत ली जाती थी। बिना रजिस्टर में दर्ज किए कच्ची शराब बेची जाती थी, जिससे मिली कमाई सीधे इस सिंडिकेट के पास जाती थी न कि सरकारी खजाने में। 

साथ ही विदेशी शराब कारोबार में शामिल होने के लिए लाइसेंसधारकों से भी रिश्वत वसूली जाती थी। ईडी अब तक इस घोटाले से जुड़े करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है।