एयर इंडिया विमान दुर्घटना: भारतीय पायलट महासंघ ने रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को भेजा लीगल नोटिस
एयर इंडिया विमान दुर्घटना से जुड़ी खबरों को लेकर भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने सख्ती दिखाई है और एक सख्त रुख अपनाया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को कानूनी नोटिस भेजा।

FIP ने मीडिया संस्थानों से अपनी रिपोर्ट के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने की कि मांग
हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर अलग-अलग बाते सामने आ रही है। इन बातों की पुष्टि अभी हुई भी नहीं है कि इस हादसे के बारे में कई अटकले सामने आ रही है। ऐसे में पायलट एसोसिएशन ने पहले नहीं इस बार पर नाराजगी जताई थी और मीडिया में रिपोर्ट लीक होने की बात कही थी।
ऐसे में एक बार फिर एयर इंडिया विमान दुर्घटना से जुड़ी खबरों को लेकर भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने सख्ती दिखाई है और एक सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने शुक्रवार 18 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को कानूनी नोटिस भेजा है। महासंघ ने इन मीडिया संस्थानों से उनकी रिपोर्ट के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।
FIP अध्यक्ष का बयान
इस करवाई की पुष्टि करते हुए FIP के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा कि संघ ने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है और संबंधित संस्थानों को उनकी रिपोर्टिंग के लिए नोटिस भेजा गया है जिसमें माफी की मांग की गई है।
ईमेल के जरिये भेजा नोटिस
नोटिस में कहा गया है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान बिना पुष्टि के और पक्षपाती तरीके से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इसके चलते गलत धारणा बन रही है। FIP का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक इस तरह की अटकलें लगाना गैर-जिम्मेदाराना है।
नोटिस में एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की जांच का हवाला देते हुए यह कहा गया है कि जब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती किसी को भी दुर्घटना के कारणों पर अनुमान लगाने या किसी व्यक्ति, खासकर मृत पायलटों को दोषी ठहराने से बचना चाहिए।
FIP ने यह भी कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग ने न केवल दिवंगत पायलटों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है बल्कि उनके परिवारों को भी मानसिक तनाव दिया है। साथ ही इससे पायलट समुदाय का मनोबल भी प्रभावित हुआ है।
स्पष्टीकरण जारी करने की मांग
FIP ने रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल से स्पष्टीकरण जारी करने को कहा है। जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि रिपोर्ट अधिकारियों की किसी अंतिम जांच पर आधारित नहीं है, बल्कि अन्य रिपोर्टों से ली गई है।
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो महासंघ कानूनी कार्रवाई के सभी विकल्पों का सहारा लेगा जिसमें मानहानि, मानसिक पीड़ा और छवि को पहुंचे नुकसान के लिए कानूनी दावे शामिल होंगे।
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