मैहर: बैंक मैनेजर ने की खुदकुशी, साइबर ठगी में मदद करने का था आरोप
मैहर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक बैंक मैनेजर ने सिर्फ इसलिए खुदखुशी कर ली, क्योंकि उनका नाम साइबर फ्रॉड से जुड़ा था।

मैहर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक बैंक मैनेजर ने सिर्फ इसलिए खुदखुशी कर ली, क्योंकि उनका नाम साइबर फ्रॉड से जुड़ा था। मेदनीपाल चतुर्वेदी इंडसइंड बैंक में मैनेजर थे। जबलपुर एसटीएफ ने उन्हें मामले को लेकर गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर रिहा होकर मैहर आ गए थे। मैहर में ही उन्होंने आत्महत्या की। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।
यह घटना मैहर की ज्ञान कॉलोनी में हुई। 42 वर्षीय मेदनीपाल अपने घर पर थे। सोमवार को जब परिवार वालों ने उन्हें फांसी पर लटका देखा। तो इसकी जानकारी तुरंत ही पुलिस में दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुट गई। मैहर थाना प्रभारी अनिमेष द्विवेदी ने बताया कि मेदनीपाल चतुर्वेदी इंडसइंड बैंक में मैनेजर थे और उसी दौरान वे साइबर फ्रॉड के एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह के संपर्क में आए। उन पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी बैंक अकाउंट खोलने में मदद की थी। जिसके बाद उन्हें एसटीएफ ने चार महीने पहले उन्हें गिरफ्तार किया था। वे जमानत लेकर मैहर में रह रहे थे।
मेदनीपाल चतुर्वेदी पर आरोप था कि उन्होंने साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराधों में शामिल लोगों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खाते खोले थे। इस मामले में एसटीएफ ने जनवरी में 11 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था। मेदनीपाल को जबलपुर जेल में रखा गया था और हाल ही में वे जमानत पर रिहा होकर बाहर आए थे।
फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आत्महत्या की वजह क्या थी—क्या इसका संबंध साइबर फ्रॉड के आरोपों से था, या फिर इसके पीछे कोई अन्य कारण था। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच को आगे बढ़ा रही है।