C-सेक्शन और नार्मल डिलीवरी के बारे में बोलकर बुरा फंसे सुनी शेट्टी
सुपरस्टार सुनील शेट्टी हाल ही में चर्चा का विषय बन गए है। एक इंटरव्यू में अपनी बेटी अथिया शेट्टी के मां बनने के अनुभव के बारे में बात की।

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
सुपरस्टार सुनील शेट्टी हाल ही में चर्चा का विषय बन गए है। एक इंटरव्यू में अपनी बेटी अथिया शेट्टी के मां बनने के अनुभव के बारे में बात की। मार्च में अथिया और उनके पति क्रिकेटर केएल राहुल एक बेटी 'इवारा' के माता-पिता बने। सुनील शेट्टी ने बेटी की हिम्मत और दृढ़ता की सराहना करते हुए बताया कि अथिया ने सी-सेक्शन जैसी प्रक्रिया के बजाय नार्मल डिलीवरी का रास्ता चुना, जिससे वह बहुत गर्वित और भावुक हो गए।
इंटरव्यू में सुनील शेट्टी का बयान-
जानकारी के मुताबिक, एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “आज की दुनिया में जहाँ ज़्यादातर लोग सीज़ेरियन डिलीवरी को प्राथमिकता देते हैं, अथिया ने नेचुरल बर्थ का फैसला लिया। अस्पताल की नर्सों और डॉक्टरों ने भी उसकी सहनशक्ति की तारीफ की। एक पिता के तौर पर यह मेरे लिए बहुत प्रभावशाली था।”
उन्होंने आगे बताया कि अथिया की मां भी एक मजबूत महिला हैं, और शायद अथिया ने यही ताकत उनसे पाई है। उन्होंने कहा, “अथिया ने मातृत्व को बहुत सहजता से अपनाया है, जैसे मछली पानी में होती है। मुझे उस पर बहुत गर्व है। वह कभी थकी हुई या तनाव में नजर नहीं आई। हर दिन मैं माना (अपनी पत्नी) से कहता हूं कि अथिया ने जिस तरह से इस नई ज़िंदगी को अपनाया है, वह अविश्वसनीय है।”
ट्रोलिंग और विवाद-
सुनील शेट्टी की यह बातें कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स को पसंद नहीं आईं। विशेषकर उनका यह कहना कि “सी-सेक्शन आरामदायक होता है”, विवाद का कारण बना। कई यूज़र्स ने उनकी इस बात को यह समझ लिया कि, जैसे नेचुरल डिलीवरी को सी-सेक्शन से अधिक बहादुरी वाला काम बताया जा रहा हो।
एक यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा, “सी-सेक्शन का आराम! यह तो नया है।” वहीं, दूसरे ने कहा, “गर्व करने की बात यह होनी चाहिए कि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, चाहे तरीका कोई भी हो।” एक और यूज़र ने कहा, “केवल एक पुरुष ही सी-सेक्शन को आराम समझ सकता है।”
हालांकि कई लोग समझ रहे थे कि सुनील शेट्टी सिर्फ अपनी बेटी की मानसिक और शारीरिक ताकत की सराहना कर रहे थे, लेकिन उनके शब्दों का चयन कुछ लोगों को असंवेदनशील और भ्रामक लगा। इसने इंटरनेट पर सी-सेक्शन बनाम नेचुरल बर्थ जैसे संवेदनशील मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।