700 रुपए देकर छात्रों ने की सामूहिक नकल, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ परीक्षा केन्द्र का नजारा
ग्वालियर जिले में नकल करने का ऐसा मामला सामने आया है। जहां पर परीक्षा कक्ष में बैठे सभी छात्र-छात्राएं सामूहिक नकल कर रहे हैं।

नकल करके डिग्री एकत्र करने का चलन समय के साथ थमा नहीं है। परीक्षाओं के दौरान सख्ती से जांच करके ही छात्र-छात्राओं को परीक्षा केन्द्र में पहुंचते हैं। इन सब के बावजूद एमपी के ग्वालियर जिले में नकल करने का ऐसा मामला सामने आया है। जहां पर परीक्षा कक्ष में बैठे सभी छात्र-छात्राएं सामूहिक नकल कर रहे हैं। घाटीगांव क्षेत्र स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय परीक्षा केन्द्र से महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय परीक्षा का नकल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षा प्रणाली और प्रशासन पर गंभीर प्रश्न उठने लगे हैं।
मोबाइल फोन रखकर हो रही थी नकल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने हर किसी को हैरान कर दिया है। जहां पर परीक्षा केन्द्र में एमएसडब्ल्यू, बीएसडब्ल्यू की परीक्षा आयोजित की जा रही है और स्टूडेंट्स मोबाइल बीच में रखकर सारे सवालों के जवाब लिखे जा रहे थे। इतना ही नहीं कई स्टूडेंट्स तो पर्ची और आंसर सीरीज से उत्तर निकालकर नकल रहे हैं। यह घटना परीक्षा केन्द्र पर भी सवाल खड़े करती हैं। क्यां यहां पर छात्र-छात्राओं से नकल करने के लिए पैसे लिए गए हैं। या इसमें परीक्षा केन्द्र और कॉलेज की मिलीभगत है। तभी यहां पर कोई निगरानी नहीं की जा रही है। स्टूडेंट्स अपने घर की तरह ही आराम से अपना पेपर कर रहे हैं।
पैसे दो, नकल करो
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नकल कराने के लिए छात्रों से 700 रुपए प्रति व्यक्ति लिए गए हैं। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि परीक्षा देने से पूर्व ही नकल का पूरा बंदोबस्त कर दिया गया था। इस बात पर राजीनामा हो गया था कि छात्र अपने स्वेच्छानुसार नकल सामग्री का इस्तेमाल करेंगे। तभी तो कुछ छात्र मोबाइल से नकल कर रहे हैं, तो कुछ आंसर सीरीज और पर्ची का इस्तेमाल कर रहे हैं। वीडियो को लेकर यह कहना भी सही होगा कि परीक्षा केन्द्र में उपस्थित सभी छात्र नकल के भरोसे ही परीक्षा दे रहे हैं। वीडियो के वायरल होते ही शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन में अफरातफरी मच गई है। मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित एसडीएम को निगरानी रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इस पर सख्त कार्यवाही की मांग की जा रही है।