सेवानिवृत्ति से पहले रिश्वत लेते पकड़े गए वरिष्ठ कृषि अधिकारी, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

मध्यप्रदेश के सागर में लोकायुक्त की एक बड़ी कार्रवाई हुई है। जिसमें उन्होंने रिटायरमेंट के महज 48 घंटे पहले ही कृषि विस्तार अधिकारी संतोष कुमार जैन को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

Jun 29, 2025 - 16:26
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सेवानिवृत्ति से पहले रिश्वत लेते पकड़े गए वरिष्ठ कृषि अधिकारी, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
Senior Agriculture Officer caught taking bribe before retirement big action by Lokayukta


मध्यप्रदेश के सागर में लोकायुक्त की एक बड़ी कार्रवाई हुई है। जिसमें उन्होंने रिटायरमेंट के महज 48 घंटे पहले ही कृषि विस्तार अधिकारी संतोष कुमार जैन को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत का मामला इसलिए भी लोगों को हैरान कर है, लोगों सिर्फ दो दिन बाद ही अधिकारी अपने सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनकी नौकरी पर लगा दाग अब किसी के बीच चर्चा का विषय बन गया है। 

रिश्वत की मांग और शिकायत


खुशहाल कृषि सेवा केन्द्र के संचालक सुनील कुमार जैन ने लोकायुक्त में शिकायत की थी उनकी कृषि अधिकारी संतोष कुमार जैन उनकी दुकान के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए उनसे पैसों की मांग कर रहे हैं। एक लाख की रुपए मांग करने का उन पर आरोप लगाया था। इस प्रक्रिया में प्रिंसिपल सर्टिफिकेट तैयार कराना और मक्का के सैंपल को उनके पक्ष में करवाने की बात भी शामिल थी। 

50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

 
शिकायतकर्ता ने पहले 10 हजार रुपए दिए थे और बाकी के 50 हजार रुपए शनिवार को देने की बात हुई थी। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद ऐसा जाल बिछाया कि कृषि अधिकारी का बच पाना मुश्किल हो गया। नतीजतन जैसे ही संतोष कुमार जैन के हाथों में रिश्वत की रकम पहुंची। उतने में ही लोकायुक्त की टीम मौके पर पहुंच गई। अधिकारी के हाथों को धुलवाया गया, तो उनके हाथ लाल हो गए। 

पहले दिए थे 10 हजार, बाकी 50 हजार लेते पकड़े गए


शिकायतकर्ता ने पहले 10 हजार रुपये दे दिए थे और शेष 50 हजार रुपये शनिवार को देने की बात हुई थी। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद जाल बिछाया। जैसे ही संतोष कुमार जैन ने दुकान पर पहुंचकर 50 हजार रुपये लिए, उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है। यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिससे सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सख्त संदेश जाएगा।