रीना रघुवंशी उर्फ लक्ष्मी दास गिरफ्तार, 90 लाख की ठगी में थी फरार
90 लाख की ठगी करने वाली साध्वी रीना रघुवंशी उर्फ लक्ष्मी दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

90 लाख की ठगी करने वाली साध्वी रीना रघुवंशी उर्फ लक्ष्मी दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को सूचना मिली की वह नर्मदापुरम जिले के शिवपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चंद्रकला गांव में एक अनुष्ठान कर रही हैं। जब पुलिस वहां पहुंची तब वहां का नजारा देखने लायक रहा। रीना ने पुलिस से टॉयलेट जाने का बहाना किया और वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने भी पूरा इंतजाम किया था। जिससे वह पास के ही गांव से गिरफ्तार कर ली गईं।
चालाकी दिखाकर टॉयलेट के बहाने भागी
छिंदवाड़ा पुलिस को इनपुट मिला कि रीना चंद्रकलां गांव में पूजा-पाठ करा रही है। टीम ने तुरंत दबिश दी, लेकिन रीना ने पुलिस को चकमा दे दिया। उसने टॉयलेट का बहाना बनाया और पिछले रास्ते से फरार हो गई। गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस ने परिवार से पूछताछ की, लेकिन पहले तो उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी।
कई घंटे की घेराबंदी और फिर गिरफ्तारी
पुलिस ने गांव में डेरा डाल दिया और कई घंटों तक डटी रही। दबाव बढ़ने पर परिवार ने बताया कि रीना पास के गांव में छिपी है। इसके बाद पुलिस ने नदी पार करने के लिए नाव मंगवाई और योजनाबद्ध तरीके से दूसरे गांव में जाकर रात करीब 8 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा घोटाला
यह मामला छिंदवाड़ा के रामजानकी मंदिर से जुड़ा है। आरोप है कि मंदिर के पूर्व महंत कनक बिहारी दास की मौत के बाद, रीना और एक बैंक मैनेजर की मिलीभगत से मंदिर के बैंक खाते से 90 लाख रुपये निकाले गए। यह भी सवाल उठ रहा है कि बिना किसी नॉमिनी के बैंक से इतनी बड़ी रकम कैसे निकाली गई। रीना की अग्रिम जमानत याचिका 19 मई को MP हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी, और सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली थी।
‘साधना’ की आड़ में छिप रही थी रीना
पुलिस से बचने के लिए रीना लगातार पूजा-पाठ का दिखावा कर रही थी। गांव के लोग उसे ‘माता’ मानकर उसकी ‘साधना’ में कोई खलल नहीं डालते थे। उसकी भक्ति-भावना वाली छवि ने गांववालों को धोखे में रखा, जबकि वह लगातार फरार थी।
यज्ञ के नाम पर पुलिस को किया गुमराह
पुलिस टीम के एक अधिकारी ने बताया कि गांव में पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि अंदर यज्ञ चल रहा है, इसलिए उन्होंने रुककर इंतजार किया। लेकिन जब 'साध्वी' बाहर निकली और वापस नहीं आई, तब उन्हें शक हुआ। पूरे गांव को घेरने के बाद नाव से पीछा कर रीना को पकड़ लिया गया।