शाहरुख खान के मन्नत पहुंची BMC और वन विभाग के जॉइंट टीम
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बंगले मन्नत में मई 2025 से बड़े पैमाने पर रेनोवेशन का काम चल रहा है। लेकिन अब इस काम में बाधाएं आ रही हैं।

- BMC को मिली थी शिकायत,
- रेनोवेशन में हो रहा CRZ के नियमों का उल्लंघन
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बंगले मन्नत में मई 2025 से बड़े पैमाने पर रेनोवेशन का काम चल रहा है। लेकिन अब इस काम में बाधाएं आ रही हैं। जानकारी के अनुसार, BMC को एक शिकायत है जिसमें कहा गया है कि इस रेनोवेशन के दौरान CRZ (कोस्टल रेगुलेशन जोन) के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसी के चलते 20 जून को BMC और वन विभाग की संयुक्त टीम शाहरुख के घर का निरीक्षण करने पहुंची।
कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी से परमिशन ली गया या नहीं-
बताया जा रहा है कि मन्नत में दो अतिरिक्त फ्लोर बनने जा रहे है जिसके चलते यह रेनोवेशन किया जा रहा है। चूंकि यह संपत्ति समुद्र तट के पास स्थित है इसलिए इसमें कोई भी बदलाव करने से पहले महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी (MCZMA) से अनुमति लेना जरुरी होता है। रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारियों ने यह जांच की कि क्या सभी जरूरी मंजूरी ली गई है या नहीं। जांच के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
शाहरुख की मैनेजर पूजा ददलानी का बयान-
इस बीच शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी ने बताया कि कोई शिकायत नहीं है और सारा काम नियमानुसार हो रहा है। निरीक्षण के दौरान BMC के H-वेस्ट वार्ड के बिल्डिंग और फैक्ट्री विभाग तथा बिल्डिंग प्रपोजल विभाग के अधिकारी भी वन विभाग के साथ मौजूद थे। एक अधिकारी के अनुसार, मन्नत में काम कर रही टीम ने आश्वस्त किया है कि सभी जरूरी अनुमति से जुड़े दस्तावेज जल्द ही जमा कर दिए जाएंगे। BMC के एक प्रतिनिधि ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टीम केवल वन विभाग की सहायता के लिए वहां थी, और उनका इस प्रक्रिया में कोई अन्य हस्तक्षेप नहीं था।
विला वियना के नाम जाना जाता था मन्नत-
गौरतलब है कि शाहरुख का बंगला मन्नत कोई साधारण मकान नहीं है। पहले इसे विला वियना के नाम से जाना जाता था और यह एक हेरिटेज बिल्डिंग है। ऐसे में इसके किसी भी हिस्से में बदलाव करने के लिए सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है ताकि इसकी ऐतिहासिक विरासत सुरक्षित रह सके। यह निरीक्षण सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर की शिकायत के बाद किया गया था जिसमें उन्होंने रेनोवेशन की वैधता पर सवाल उठाए थे।