मन की शांति के लिए दिवालिया परिवार पहुंचा धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुनने, नहीं दिखी कोई राह तो कर ली सामूहिक आत्महत्या
यह घटना है हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 27 इलाके की। जहां सोमवार रात करीब 10 बजे पूरा परिवार कार में मृत पाया गया।

कहते है कि आध्यात्मिक कथाएं व्यक्ति को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। यदि कोई व्यक्ति परेशान है और अगर कोई सही मार्ग दिखाने वाला मिल जाए तो उसे एक नई दिशा मिल जाती है। शायद इसी उम्मीद के साथ एक परिवार बाबा बागेश्वर धाम के धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री की कथा का श्रवण करने गया होगा। कथा सुनने के बाद भी उस परेशान परिवार को कोई राह नजर नहीं आई, इसलिए पूरे परिवार ने घर जाने के बजाय जीवन लीला को समाप्त कर देने वाला विकल्प चुना।
यह घटना है हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 27 इलाके की। जहां सोमवार रात करीब 10 बजे पूरा परिवार कार में मृत पाया गया। पुलिस को जांच के दौरान कार से दो पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें परिवार के आत्महत्या के कारण का खुलासा किया गया है। नोट में परिवार के मुखिया ने लिखा है कि वे यह कदम कर्ज से परेशान होकर उठा रहे हैं। कर्ज के कारण दिवालिया हो चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने इसमें यह भी लिखा है कि पूरे परिवार का अंतिम संस्कार और अनुष्ठान उनके ममेरे भाई करेंगे। जो भी हुआ है उसमें मेरी गलती है इसके लिए मेरे ससुर को परेशान न किया जाए।
आत्महत्या करने वाले परिवार के सात सदस्यों में परिवार के मुखिया, उनकी पत्नी, तीन बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता शामिल हैं। परिवार पंचकूला में किराए के मकान में निवास कर रहा था। परेशानियों से जूझ रहा पूरा परिवार मन की शांति के लिए धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुनने पहुंचा और वहां भी उन्हें कोई हल नहीं मिला। तब वहां से लौटते वक्त कार को सड़क किनारे लगाकर पूरे परिवार ने जहर खा लिया। जब राहगीरों की नजर सड़क पर खड़े वाहन पर पड़ी। तब ड्राइवर सीट पर बैठा व्यक्ति होश में दिखाई दिया। उसने ही लोगों को बताया कि कर्ज से परेशान होकर पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस से संपर्क किया और सभी को
जब राहगीरों की नजर उस कार पर पड़ी, तो उन्होंने देखा कि ड्राइवर सीट पर बैठा शख्स होश में था, जबकि बाकी सभी लोग बेहोश पड़े थे। उस व्यक्ति ने बताया कि उनका परिवार भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था, इसी वजह से उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। राहगीरों ने उसे कांपता और बेहद गंभीर हालत में देखा, जिसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सभी को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने छह लोगों को मृत घोषित कर दिया। अंत में परिवार के मुखिया की भी मौत हो गई।