छिंदवाड़ा: बारात की खुशी के बीच घर में लगी आग, सब कुछ जलकर हुआ खाक
बड़ी चौरासी गांव निवासी पिता फागलाल परतेती अपने बेटे की बारात लेकर घर से निकले थे, लेकिन उनकी खुशियों की उम्र बहुत छोटी निकली। घर में बारात के निकलने के बाद किसी वजह से आग लग गई।

बेटे की शादी का सपना एक व्यक्ति तभी देख लेता है, जब उसकी गोद में बेटा आता है। उसे बड़े होते देखते-देखते एक पिता अपने उस सपने के करीब भी पहुंचता जाता है। जब वो घड़ी आती है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं होता। बहुत अरमानों और उम्मीदों के साथ बड़ी चौरासी गांव निवासी पिता फागलाल परतेती अपने बेटे की बारात लेकर घर से निकले थे, लेकिन उनकी खुशियों की उम्र बहुत छोटी निकली। घर में बारात के निकलने के बाद किसी वजह से आग लग गई और बरसों की मेहनत से कमाई हुई गृहस्थी में आग लग गई।
परिवार गया था बारात में, पीछे जल उठा घर
बीती रात जब फागलाल अपने परिवार के साथ पीपरडार बारात लेकर गया हुआ था, उसी दौरान उनके कच्चे मकान में अचानक आग लग गई। आग ने कुछ ही पलों में पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। आसपास के ग्रामीण तुरंत मदद को दौड़े—किसी ने पानी लाया, किसी ने बाल्टी, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि कोई भी कोशिश कारगर साबित नहीं हुई।
सपनों के साथ जल गया सब कुछ
शादी के लिए वर्षों से जो भी तैयारियां की गई थीं—कपड़े, गहने, चांदी-सोना, नकदी, अनाज और ज़रूरी दस्तावेज़—सब कुछ जलकर खाक हो गया। अनुमानित रूप से तीन किलो चांदी, करीब दो लाख रुपये नकद, एक लाख से अधिक का घरेलू सामान और किराना, साथ ही दो दोपहिया वाहनों में से एक पूरी तरह जल गया। जिस घर की दीवारों पर उम्मीदों की परत थी, अब वहां सिर्फ राख बची है।
फागलाल की टूटी आवाज़ में झलकता है उसका दर्द
फागलाल का कहना है, "मैंने कर्ज लेकर बेटे की शादी के लिए सब कुछ जुटाया था। क्या यही मेरी गलती थी? अब सिर्फ राख हाथ में बची है।" उनकी सूखी आंखें अंदर ही अंदर बहते दर्द की गवाही दे रही थीं।
अगर फायर ब्रिगेड होती...
गांव में फायर ब्रिगेड न होना इस हादसे को और भी भयावह बना गया। अगर समय रहते दमकल पहुंच पाती, तो शायद यह तबाही रोकी जा सकती थी। ग्रामीणों की पूरी कोशिशों के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
सरकारी मदद की मांग
फागलाल ने बटकाखापा थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई है। गांव के लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए गांवों में दमकल सेवा उपलब्ध कराई जाए।