धोनी में नहीं रही पहले जैसी बात, अब सन्यास लेना ही बेहतर विकल्प- श्रीकांत

1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य और पूर्व भारतीय बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत ने धोनी को संन्यास लेने की सलाह दी है।

May 21, 2025 - 12:27
 23
धोनी में नहीं रही पहले जैसी बात, अब सन्यास लेना ही बेहतर विकल्प- श्रीकांत
Dhoni is no longer the same as before now retirement is the best option

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जुलाई में 44 वर्ष के हो जाएंगे। आईपीएल 2025 सीज़न उनके लिए खास अच्छा नहीं रहा, और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) पहली बार लगातार दो सत्रों में प्लेऑफ में जगह बनाने में असफल रही है। धोनी ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ एक मुकाबले में 26 रनों की उपयोगी पारी खेली थी, जिसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया था। हालांकि इसके बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली। 20 मई को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने 17 गेंदों पर केवल 16 रन बनाए, और सीएसके यह मुकाबला छह विकेट से हार गई।

इस बीच, 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य और पूर्व भारतीय बल्लेबाज कृष्णमाचारी श्रीकांत ने धोनी को संन्यास लेने की सलाह दी है। श्रीकांत का मानना है कि उम्र का असर अब धोनी की फिटनेस और खेल पर साफ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि अगर धोनी अब पहले जैसा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें आईपीएल से संन्यास लेने पर विचार करना चाहिए। धोनी के रिटायरमेंट को लेकर हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

कृष्णमाचारी श्रीकांत ने अपने यूट्यूब चैनल पर महेंद्र सिंह धोनी को लेकर खुलकर राय रखी। उन्होंने कहा कि धोनी की उम्र अब असर दिखाने लगी है और उनसे पहले जैसा प्रदर्शन अब मुमकिन नहीं है। श्रीकांत के मुताबिक, अगर धोनी से अब यह सब नहीं हो पा रहा है, तो उन्हें खुद आगे बढ़कर संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल धोनी ही ले सकते हैं, लेकिन बार-बार आकर खुद को और टीम को दबाव में डालना ठीक नहीं है। अब धोनी में वह क्षमता नहीं बची है कि वह एक साथ कप्तान, बल्लेबाज और विकेटकीपर की भूमिका निभाएं।

श्रीकांत ने आगे कहा कि धोनी की फुर्ती अब पहले जैसी नहीं रही। उनके घुटनों की स्थिति भी ठीक नहीं लगती और उनकी फिटनेस कमजोर हुई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि टीम का टॉप ऑर्डर भी फेल हो रहा है, लेकिन धोनी की बल्लेबाजी में वह पुराना अंदाज नजर नहीं आता। अब वह तेजी से रन नहीं बना पा रहे हैं।

श्रीकांत, जिन्होंने 1981 से 1992 तक भारत के लिए 43 टेस्ट और 146 वनडे खेले हैं, ने यह भी बताया कि धोनी पहले स्पिन गेंदबाजों पर हावी रहते थे, लेकिन इस सीजन में वह स्पिनरों के सामने संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना था कि धोनी अब अपने पुराने खेल को दोहरा नहीं पा रहे और स्पिन गेंदबाज उन्हें रोकने में सफल हो रहे हैं, जबकि एक दौर था जब धोनी स्पिनरों को लगातार छक्के मारते थे। ईमानदारी से कहें तो अब वह जूझते नजर आ रहे हैं।