20 किलो भार, 12 मिनट में इंस्टॉलेशन के साथ 200 मामलों को संभालने में सक्षम है देशी भीष्म क्यूब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और सरकार को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए।
 
                                    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और सरकार को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए। इस किट को भारत ने खास तौर पर विकासशील देशों को चिकित्सा क्षेत्र में मदद देने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट आरोग्य मैत्री के तहत तैयार किया है और इसका नाम भीष्म रखा गया है।
कैसे बनता है भीष्म क्यूब?
इसके तहत दवाइयों, मरहम-पट्टी, इंजेक्शन आदि का एक छोटा 15 इंच का चिकित्सा पैकेट होता है। इस तरह के 36 छोटे चिकित्सा पैकेटों को मिलाकर एक मदर क्यूब बनाया जाता है और दो मदर क्यूब को मिलाकर एक भीष्म क्यूब बनाया जाता है।
एआई की मदद से रियल टाइम मॉनीटरिंग में सक्षम
भीष्म क्यूब में एआई की मदद से रियल टाइम मानीटरिंग संभव है। साथ ही इसके पूरे डाटा का विश्लेषण किया जा सकता है। इसके सॉफ्टवेयर सिस्टम को टैब की मदद से कहीं से भी ऑपरेट किया जा सकता है। खास बात यह है कि इसका भीष्म क्यूब का वजन 20 किलोग्राम होता है जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसके साथ ही यह 12 मिनट में इस्टॉल होकर काम शुरू कर देता है। क्यूब मजबूत, जलरोधक और हल्के होते हैं। जो युद्ध, आपातकालीन जैसी स्थिति में 200 मामलों को संभालने में सक्षम हैं।
अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस
यह पोर्टेबल अस्पताल अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस है। इसमें एक ऑपरेटिंग थियेटर, एक्स-रे मशीन, रक्त परीक्षण उपकरण, वेंटिलेटर और बंदूक की गोली के घाव, जलन, फ्रैक्चर और गंभीर रक्तस्राव जैसी कऍ चोटों के इलाज के लिए जरूरी सभी चीजें उपलब्ध हैं। यह अस्पताल आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
दोनों देशों के बीच हुए चार समझौते
पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, उसमें भी चिकित्सा व मेडिकल क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने को लेकर बात हुई है। दोनों देशों के बीच चार समझौते हुए हैं, जिनमें एक समझौता स्वास्थ्य व ड्रग्स को लेकर है। इससे भारतीय दवाइयों व चिकित्सा उपकरणों को यूक्रेन निर्यात करने की राह आसान होगी।
अन्य समझौते कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, भारत की तरफ से सामुदायिक विकास के लिए यूक्रेन को अनुदान देने और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर है। दोनों देशों के बीच आर्थिक व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति बनी है। इस संबंध में भारत-यूक्रेन के बीच अंतर-सरकारी आयोग का गठन पहले ही हो चुका है और इसकी एक बैठक मार्च, 2024 में हुई थी।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            