धार्मिक सहिष्णुता, विद्वता और वीरता का प्रतीक है छत्रपति संभाजी महाराज
छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती हर साल 14 मई को मनाई जाती है। साल 2025 में भी बुधवार 14 मई 2025 को उनकी जयंती मनाई जाएगी। यह दिन मराठा साम्राज्य के वीर और साहसी योद्धा संभाजी महाराज के जन्म की स्मृति में श्रद्धा और गर्व से भरा होता है। छत्रपति संभाजी महाराज केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि धार्मिक सहिष्णुता, विद्वता और वीरता का प्रतीक हैं।
छत्रपति संभाजी महाराज का परिवार-
संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को महाराष्ट्र के पुरंदर किले में हुआ था। वे महान मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी पत्नी सईबाई के पुत्र थे। बचपन से ही संभाजी महाराज ने संस्कृत, मराठी, फारसी और हिंदी भाषाओं में गहरी महारत हासिल की थी। वे एक कुशल लेखक और कवि भी थे, और उन्होंने "बुद्धिभूषण" नामक ग्रंथ की रचना की थी।
मुगलों से संघर्ष-
संभाजी महाराज 1681 में मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति बने। उन्होंने मुगलों, सिद्धी, पुर्तगाली और अन्य शत्रुओं से वीरता से युद्ध किया और मराठा साम्राज्य की रक्षा की। औरंगजेब की विशाल सेना के खिलाफ भी संभाजी महाराज ने कई वर्षों तक मराठा भूमि की सुरक्षा की। उनके नेतृत्व में मराठा सेना ने कई बार मुगलों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। 1689 में मुगलों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम अपनाने का आदेश दिया, लेकिन संभाजी महाराज ने धर्म परिवर्तन से मना कर दिया। इसके बाद उन्हें बेहद ही क्रूरता से शहीद कर दिया गया।
बलिदान की मिसाल-
उनकी शहादत आज भी धर्म, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की मिसाल मानी जाती है। वे भारत के इतिहास में उन वीर योद्धाओं में शामिल हैं जिनका नाम हमेशा सम्मान से लिया जाता है।