अहिल्याबाई होलकर जयंती: आइये जाने अहिल्याबाई होलकर के बारे में कुछ खास बातें
अहिल्याबाई होलकर को लोग लोकमाता कहकर भी बुलाते थे। अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जामखेड कस्बे के ग्राम चांडी में हुआ था।

जानिए आज के कौन से मंदिर लोकमाता अहिल्याबाई की देन है
अहिल्याबाई होलकर को लोग लोकमाता कहकर भी बुलाते थे। अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जामखेड कस्बे के ग्राम चांडी में हुआ था। गांव में महिलाओं को दिए जा रहे सैन्य प्रशिक्षण में अहिल्याबाई ने तीर कमान और भाला चलाना सीखा था। अहिल्याबाई की मां एक शिव भक्त थी जिसके चलते वे भी शिव भक्त बन गई और उनकी भक्ति में लीन हो गई। उन्होंने महज 19 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया था। भारतीय इतिहास में रानी अहिल्याबाई की गिनती कुशल महिला शासकों में होती है। उन्होंने 1767 में राजगद्दी की बागडोर संभाली और 30 साल तक इंदौर में शाशन किया।
अहिल्याबाई ने ना सिर्फ महिला सशक्तिकरण के नारे को बढ़ावा दिया बल्कि भारत में कई मंदिरों का भी निर्माण करवाया और ध्वस्त शिलाओं के पुनर्निर्माण पर भी जोर दिया।
जानिए उन पांच मंदिरो के बारे में जिसको अहिल्याबाई ने फिर से बनवाया।
1.काशी विश्वनाथ का पुनर्निर्माण
अहिल्याबाई होलकर ने देश के कई प्रमुख तीर्थस्थलों जैसे श्रीनगर, हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, प्रयागराज, वाराणसी, पुरी, ऋषिकेश, सोमनाथ, नासिक, ओंकारेश्वर, महाबलेश्वर, इंदौर, पुणे, गोकरण और रामेश्वरम में मंदिरों का निर्माण करवाया था।
इसके साथ ही उन्होंने घाटों, धर्मशालाओं और अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास कराया। खास बात यह है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। यह मंदिर कई बार तुड़वाया जा चूका था, लेकिन 1776 में अहिल्याबाई होलकर ने इसका दोबारा निर्माण कराया, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य था।
2.खजराना गणेश मंदिर
इंदौर में मौजूद मशहूर खजराना गणेश मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर भारत के प्रमुख गणेश मंदिरों में गिना जाता है। साल 1735 में अहिल्याबाई ने इस मंदिर की स्थापना की थी। मान्यता है कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं।
3.सोमनाथ मंदिर
अहिल्याबाई होलकर ने गुजरात में मौजूद प्राचीन सोमनाथ मंदिर का भी पुनर्निर्माण करवाया था। यह मंदिर अब 'अहिल्याबाई मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि अहिल्याबाई को एक सपना आया था, जिसमें उन्हें इस स्थान पर मंदिर निर्माण का संदेश मिला, और इसके बाद उन्होंने तुरंत इसका निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।
4.जगन्नाथपुरी मंदिर
अहिल्याबाई होलकर ने पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के संरक्षण और पुनर्स्थापन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने मंदिर परिसर में धर्मशालाएं, धार्मिक संरचनाएं और तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवश्यक निर्माण कार्य करवाए थे। इस धार्मिक स्थल की सांस्कृतिक महत्ता को सहेजने का श्रेय भी अहिल्याबाई को ही जाता है।
5.नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर
नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के पेटलादेव में स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण भी अहिल्याबाई ने करवाया था। इस मंदिर में भगवान शिव का एक विशिष्ट शिवलिंग विराजमान है, जो सातवें डमरू पर स्थित है। धार्मिक मान्यता है कि यह वही जगह है जहां समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने पिया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया था, और यही कारण है कि उन्हें नीलकंठ कहा जाता है।