जानिए, जबलपुर का एक ऐसा परिवार जिसकी तीन पीढ़ियां बनीं सीए, आज भी बरकरार है प्रैक्टिस
 
                                द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर । शहर का एक ऐसा परिवार है। जहां पर तीन पीढ़ियां सीए ही है। कमाल की बात यह है कि शहर के सीए राकेश मदान के पिता सीए प्रकाश चंद्र मदान महाकोशल के पहले सीए थे। जिन्होंने 1948 में सीए की परीक्षा दी थी। 1950 में सीए की प्रैक्टिस कानपुर से शुरू की और फिर एक 1952 में जबलपुर शहर में अपनी सेवाएं देने के लिए यहां आ गए और अपनी फर्म की शुरूआत की। सीए राकेश मदान का सीए बनने तक का सफर आसान नहीं रहा है, लेकिन दृढ़निश्चय के कारण वर्तमान में वे शहर के एक प्रसिद्ध सीए है और साथ ही उनके बेटे कृतेश मदान भी उनकी ही तरह काबिल सीए है। आइए जानते हैं राकेश मदान के संघर्ष की कहानी की उन्होंने किन हालातों में सीए की परीक्षा दी और इस मुकाम को हासिल किया। 
बस एक्सीडेंट बना रोडा
सीए राकेश मदान ने बताया कि पहले जबलपुर में सीए की परीक्षा नहीं होती थी। परीक्षा देने के लिए नागपुर जाना होता था। 1985 में जब वे सीए की परीक्षा देने नागपुर जा रहे थे, तभी उनकी बस का एक्सीडेंट हो गया और उसमें उनका पैर खराब हो गया। एक्सीडेंट की वजह से वे अपनी परीक्षा नहीं दे पाए और डेढ़ माह तक ही नागपुर के अस्पताल में भर्ती रहे। इस एक एक्सीडेंट ने उन्हें उनके सपने से डेढ़ साल दूर कर दिया। इस दौरान भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। पारिवारिक माहौल भी उन्हें सीए का ही मिला। जिससे उनकी सीए बनने की जिद बरकरार रही और फिर 1986 में उन्होंने दोनों ग्रुप की परीक्षा पास कर सीए बनने का सपना पूरा किया। विकलांग होते हुए भी इन्होंने अपने काम में कभी कोई कमी नहीं आने दी और खुद को बेहतर बनाने में समय दिया। 
वक्त के साथ किया खुद को अपडेट 
सीए राकेश मदान बताते हैं कि मैं सीए बनने के बाद भी कोचिंग पढ़ाता था। जिससे मुझे अपने करियर में काफी मदद मिली। भावी सीए स्टूडेंट्स को पढ़ाने से मैं हर दिन अपने आप को अपडेट करता रहा और आज डिजिट्लाइजेशन के दौर में भी अपना काम जारी रखा है। मेरे स्टूडेंट्स ही मुझे अपडेट करते थे और मैं अपनी कोशिश जारी रखता था। बेटा कृतेश मदान मुझसे भी एक कदम आगे निकला इन्होंने सिर्फ सीए नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा मुश्किल परीक्षा सीएफए चार्ट्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट को पास किया और आज शहर के साथ ही अन्य शहरों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।                        
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            