उमरिया: बांधवगण में नए सदस्यों के आने से मची खलबली, बाघ भी हो रहे भयभीत
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों एक ऐसे मांसाहारी प्राणी की मौजूदगी दर्ज हुई है, जिससे खुद बाघों के बीच भी खौफ का माहौल बन गया है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन दिनों एक ऐसे मांसाहारी प्राणी की मौजूदगी दर्ज हुई है, जिससे खुद बाघों के बीच भी खौफ का माहौल बन गया है। यह खतरनाक शिकारी जानवर 'सोन कुत्ता' कहलाता है। ये इतने निडर होते हैं कि बाघ जैसे बड़े शिकारी भी इनसे टकराव से बचना ही बेहतर समझते हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जो अपने बाघों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, हाल ही में एक अनोखी घटनाक्रम के चलते चर्चा में है। यहां सोन कुत्तों का एक झुंड देखा गया है, जो बेहद विचित्र और खतरनाक स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। ये शिकारी जानवर अपने शिकार को जिंदा ही नोच-नोच कर खा जाते हैं, जिससे अन्य वन्य जीव भी इनसे टकराने से बचते हैं।
दुर्लभ और खतरनाक प्रजाति
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व न केवल बाघों बल्कि कई दुर्लभ प्रजातियों का भी आश्रय स्थल है। हाल में यहां दिखे सोन कुत्तों का झुंड भी इसी श्रेणी में आता है। इनकी मौजूदगी जंगल में एक स्पष्ट संकेत देती है कि ताकतवर शिकारी भी हमेशा सबसे ऊपर नहीं होते। सोन कुत्तों की यह प्रजाति अंग्रेजी में 'ढोले' के नाम से जानी जाती है और इनका वैज्ञानिक नाम Cuon alpinus है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में पतौर ज़ोन की पनपथा बीट में गश्त के दौरान कर्मचारियों को सोन कुत्तों का एक पूरा परिवार नजर आया। यह झुंड झील के किनारे पानी पीता हुआ देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि ये सोन डॉग्स आम कुत्तों की तरह भोंकते नहीं हैं, बल्कि एक-दूसरे से संवाद करने के लिए सीटी जैसी आवाजें निकालते हैं, जो कि अपने आप में काफी अनोखी और दिलचस्प बात है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक ने बताया कि सोन कुत्ते अपनी अनोखी और खतरनाक शिकार पद्धति के लिए जाने जाते हैं। जहां बाघ या चीता जैसे बड़े शिकारी पहले अपने शिकार को मारते हैं और फिर उसे खाना शुरू करते हैं, वहीं सोन कुत्ते शिकार को जिंदा रहते ही नोचकर खाना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं, ये इतने निडर होते हैं कि बाघ के शावकों पर भी हमला करने से पीछे नहीं हटते।