राजस्व विभाग का कारनामा, फर्जीवाड़ा कर जमीन का नामांतरण,तहसीलदार गिरफ्तार
तहसीलदार ने 54 साल पहले की फर्जी वसीयत पेश कर ढाई एकड़ बेशकीमती जमीन अपने ही ऑफिस के कम्प्यूटर ऑपरेटर के पिता के नाम कर दिया था। इस मामले में पटवारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर उसके दो भाई और जमीन के एक क्रेता को भी नामजद किया गया है। अधारताल तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं।
 
                                    मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक तहसीलदार ने अपने पटवारी कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ मिलकर बेशकीमती जमीन का नामांतरण कर दिया। खसरे से अचानक नाम हटने पर पीड़ित ने जब प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की तो पूरे मामले की जांच के बाद अधारताल तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। दरअसल तहसीलदार ने 54 साल पहले की फर्जी वसीयत पेश कर ढाई एकड़ बेशकीमती जमीन अपने ही ऑफिस के कम्प्यूटर ऑपरेटर के पिता के नाम कर दिया था। इस मामले में पटवारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर उसके दो भाई और जमीन के एक क्रेता को भी नामजद किया गया है। हालांकि इनकी गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
पहले बनी फर्जी वसीयत
अधोन्यायालय के समक्ष प्रस्तुत वसीयतनामा 3 रुपये के स्टांप पर निष्पादित किया गया जिसके साथ साक्षी गण के नोटराइज्ड शपथ पत्र प्रस्तुत किए गए लेकिन शपथ पत्र में किसी भी गवाह की उम्र का उल्लेख नहीं किया गया और ना ही स्टांप क्रेता की आयु व निवास का उल्लेख था।
कम्प्यूटर आपरेटर ने आवेदन किया रजिस्टर्ड
अधारताल तहसील में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने फर्जी वसीहत के जरिए एक रैगवां की ढाई एकड़ जमीन के आवेदन को अपने पिता के नाम पर रजिस्टर्ड कर लिया।
पटवारी पिपरे की भूमिका
दीपा ने पटवारी पिपरे की मदद से तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के जरिए इसका आदेश पारित कराकर पिता श्याम नारायण चौबे का नाम दर्ज कर लिया फिर अपने दो भाईयों रविशंकर चौबे व अजय चौबे निवासी विजयनगर के नाम पर बांट दी।
बंटवारे के बाद बेच दी जमीन
पूरे राजस्व विभाग को जमीन फर्जीवाड़े के विवाद के बढने का अंदेशा था इसलिए आनन-फानन में जमीन बेच दी गई।
विजयनगर थाने में दर्ज हुआ मामला
इस मामले में पटवारी जागेंद्र पिपरे, जमीन खरीदार हर्ष पटेल और अमिता पाठक को भी नामजद किया गया है। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
खसरे से नाम गायब होने पर मामला जांच में आया
विजय नगर पुलिस ने बताया कि मॉडल टॉउन निवासी शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगवां में एक हेक्टेयर जमीन थी।महावीर की मौत के बाद शिवचरण का नाम दस्तावेजों में दर्ज हुआ। लेकिन आठ अगस्त 2023 को एकाएक शिवचरण का नाम खसरे समेत अन्य दस्तावेजों से हटा दिया गया। जिस पर शिवचरण ने मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की।
पूरा तहसील कार्यालय षड़यंत्र में लिप्त
अधारताल तहसील कार्यालय में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे और पटवारी पिपरे के साथ मिलकर षडयंत्र रचा। सबसे पहले महावीर के नाम की फर्जी वसीहत बनाई, जिसमें दीपा ने पूरी जमीन का नामांतरण अपने पिता श्यामनारायण चौबे के नाम पर करा लिया। उस समय श्यामनारायण कलेक्ट्रेट कार्यालय में ड्राइवर के पद पर पदस्थ रहे। श्यामनारायण की मौत के बाद तहसीलदार कार्यालय से दीपा ने 26 जून 2024 को एक आदेश पारित कराया और जमीन अपने व अपने भाई रविशंकर और अजय के नाम पर दर्ज करा ली। इसके बाद दीपा ने बिना देर किए जमीन का सौदा किया। यह जमीन उसने करमेता निवासी हर्ष पटेल और विजय नगर एकता नगर निवासी अमिता पाठक को बेच दी। दीपा ने जिस फर्जी वसीहत के जरिए पूरा खेल खेला, उसमें बतौर गवाह गनाराम चौकसे, गढ़ा पुरवा निवासी रामेती बाई और चेरीताल निवासी प्यारी बाई को गवाह बनाया।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            