वैदिक मंत्र के वस्त्र पहने देख सतसंग में प्रेमानंद महाराज ने युवक को दी समझाइश
देश में इन दिनों भगवान के नाम और वैदिक मंत्रों वाले कपड़ों को पहनकर घूमना फैशन बन गया है। यह अंदाज उन्हें धार्मिक विचारधारा वाला बताता है, लेकिन इस फैशन पर वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने सतसंग के दौरान इस पर आपत्ति व्यक्त की है।

देश में इन दिनों भगवान के नाम और वैदिक मंत्रों वाले कपड़ों को पहनकर घूमना फैशन बन गया है। कोई धार्मिक कार्य हो या फिर कोई धार्मिक पर्व इस पर आम तौर पर युवा मंत्रों के प्रिंट वाले कुर्ते और शर्ट को पहनते हैं। यह अंदाज उन्हें धार्मिक विचारधारा वाला बताता है, लेकिन इस फैशन पर वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने सतसंग के दौरान इस पर आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ये मंत्र वाले कपड़ों का फैशन कलयुगी लोगों ने शुरू किया है। इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की वे ऐसा न करें। प्रेमानंद महाराज ने इस पर सही और गलत दोनों ही विचारों को व्यक्त किया।
वैदिक मंत्र ह्दय में होना चाहिए
प्रेमानंद महाराज ने पहले भी अपने सतसंग में कई बार इस बात का जिक्र किया है कि हमें ओं, महाकाल, राधा-कृष्ण के प्रिंट वाले कपड़ों को धारण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही शरीर पर कभी भी भगवान के नाम के टैटू नहीं बनवाने चाहिए। इस बार उन्होंने इस पर और बल दिया जब सतसंग में एक शख्स वैदिक मंत्र प्रिंट किए हुए कपड़े पहनकर आ गया। तब महाराज जी ने कहा कि वैदिक मंत्र ह्दय में लिखे होने चाहिए कपड़ों में नहीं। इन मंत्रों का जप किया जाना चाहिए। यहां पर उन्होंने सभी ने निवेदन किया कि ऐसे कपड़े न पहनें।
मंत्र वाले कपड़े पहनना निषेध
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि वैदिक मंत्र वाले कपड़े पहनना निषेध है। इससे हम उन मंत्रों का निरादर करते हैं। इन्हें हमें कभी नहीं पहनना है और जो लोग ऐसे वस्त्रों को धारण करते हैं उन्हें भी हमें समझाना चाहिए। ऐसा करना अमंगल कार्य है।