जानिए...कैसे और कहां होगा अमरनाथ यात्रा का अग्रिम यात्री पंजीयन
वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए सोमवार 15 अप्रैल से अग्रिम यात्री पंजीकरण शुरू हो गया है। आज सुबह ही भोले के भक्त जम्मू के बैंक की विभिन्न शाखाओं में पंजीकरण कराने के लिए पहुंचे रहे हैं।
 
                                    15 अप्रैल से पंजीकरण शुरू, 29 जून से शुरू होगी यात्रा
वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए सोमवार 15 अप्रैल से अग्रिम यात्री पंजीकरण शुरू हो गया है। आज सुबह ही भोले के भक्त जम्मू के बैंक की विभिन्न शाखाओं में पंजीकरण कराने के लिए पहुंचे रहे हैं। देशभर में जम्मू-कश्मीर बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और यस बैंक की 540 शाखाओं में अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए पीएनबी, एसबीआई और जेके बैंक की 21 शाखाओं में पंजीकरण प्रक्रिया होगी। पंजीकरण के लिए यात्री को स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र बनवाना अनिवार्य है। 13 वर्ष से कम, 70 वर्ष से अधिक और छह हफ्ते की गर्भवती महिला को यात्रा के लिए अनुमति नहीं मिल पाएगी।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक, अग्रिम यात्री पंजीकरण के लिए जम्मू-कश्मीर में जेके बैंक की डोडा, बख्शीनगर, गांधीनगर, रेजीडेंसी रोड, बिलावर, पुंछ, राजोरी, रामबन, कर्ण नगर श्रीनगर, उधमपुर (मुख्य) और किश्तवाड़ शाखा को अधिकृत किया गया है। इसी तरह पीएनबी बैंक शाखाओं में अखनूर, जम्मू, रिहाड़ी चौक-69, बीसी रोड रिहाड़ी, कॉलेज रोड कठुआ (जम्मू), होटल अंबिका कटड़ा (जम्मू), मेन बाजार रियासी, वार्ड-2 नेशनल हाईवे सांबा और एसबीआई की बैंक शाखा में जम्मूतवी (जेएंडके) को अधिकृत किया गया है। लद्दाख के लिए लेह की जेके बैंक की शाखा में यात्री पंजीकरण की सुविधा होगी।
29 जून से शुरू होगी यात्रा-
इस साल बाबा बर्फानी की यात्रा 29 जून से शुरू होने जा रही है। 52 दिन की यह यात्रा 19 अगस्त तक चलेगी, जो पिछले साल से दस दिन कम होगी। पारंपरिक बालटाल और पहलगाम ट्रैक से दैनिक आधार पर 10-10 हजार श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की ओर भेजने की अनुमति होती है।
प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उचित प्रबंध-
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक, इस बार यात्रा के दौरान किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे। यात्रा के दौरान बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा से सुबह-शाम आरती का सीधा प्रसारण जुलाई से किया जाएगा। खराब मौसम या अन्य आपदा के दौरान यात्रा रुकने की स्थिति में जम्मू, रामबन और श्रीनगर में पर्याप्त संख्या में यात्रियों को ठहराने के लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे। इसके लिए यात्री निवासों का विस्तार किया गया है। श्रीनगर के यात्री निवास पर काम तेजी से किया जा रहा है।
किस साल कितने यात्री पहुंचे
वर्ष-     यात्री संख्या (लाख में)
2013-   3.53
2014-   3.72
2015-   3.52
2016-   2.20
2017-   2.60
2018-   2.85
2019-   3.40
2022-    3.65
2023-    4.45                        
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            