फर्जी दस्तावेज...नकली वारिस...

जबलपुर विकास प्राधिकरण की करोड़ों की बेशकीमती जमीनों को बड़े ही शातिर ढंग से हड़पने वाले एक गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।

Apr 19, 2025 - 16:19
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फर्जी दस्तावेज...नकली वारिस...
Fake documents…fake heir…
  • जबलपुर में सक्रिय है मृत लोगों की जमीनें हड़पने वाला गिरोह
  • बड़े कांग्रेस नेता से भी जुड़े तार!

जबलपुर- जबलपुर विकास प्राधिकरण की करोड़ों की बेशकीमती जमीनों को बड़े ही शातिर ढंग से हड़पने वाले एक गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। दरअसल यह गिरोह मृत लोगों की जमीनों को हड़पने के लिए खुद ही नकली वारिस तैयार कर देते थे और अधिकारियों के सामने पेश कर जमीन का नामांतरण कर लिया करते थे। हाल ही में एक मामले में जबलपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ को जब एक नकली वारिस पर शक हुआ तो उन्होंने दस्तावेजों की जांच कराई, जिसमें पाया कि पेश किए गए दस्तावेज न केवल फर्जी हैं बल्कि खुद को वारिस बताने वाले युवक का मृत परिवार से दूर-दूर तक कोई नाता ही नहीं है।

मृत व्यक्ति का बेटा बन कर पहुंचा कांग्रेस नेता का गुर्गा! -

जबलपुर विकास प्राधिकरण के विजयनगर स्थित योजना क्रमांक 5-14 के भूखंड क्रमांक 571 के भू स्वामी केपी लटोरिया थे, उनके निधन के बाद किसी ने भी इस भूमि का नामांतरण नहीं कराया। जबलपुर विकास प्राधिकरण ने कई बार केपी लटोरिया के नाम पर नोटिस भेजे, उसके बावजूद भी जबलपुर विकास प्राधिकरण के पास कोई भी जवाब नहीं आया। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मृत व्यक्तियों की जमीनों को हड़पने के गोरख धंधे में शामिल लोग ऐसे ही मामलों पर नजर रखते थे और मृत व्यक्तियों की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों और फर्जी वारिस बनकर हड़प लिया करते थे। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर की है जिसमें से एक आरोपी कयाज़ उर्फ शुभम ठाकुर को गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आए शुभम ठाकुर ने बताया कि विजयनगर निवासी जतिन राज, मनोज नामदेव और छोटू ठाकुर के कहने पर ही वह फर्जी वारिस बनकर जबलपुर विकास प्राधिकरण के कार्यालय में गया था और उनके द्वारा ही पूरा गिरोह ऑपरेट किया जाता है। पकड़ा गया युवक कयाज़ उर्फ शुभम ठाकुर कांग्रेस नेता जतिन राज का गुर्गा बताया जा रहा है और जतिन के कहने पर ही वह लंबे समय से फर्जी दस्तावेज बनाने के साथ ही नकली वारिस बनकर जेडीए के अफसरों के सामने पेश होता था।

कई बड़े मामलों के खुलासे की उम्मीद -

जबलपुर के विजयनगर और आसपास के इलाकों में जबलपुर विकास प्राधिकरण की करोडों और अरबों की बेशकीमती ज़मीनें हैं, इन जमीनों पर कांग्रेस-बीजेपी से लेकर कई बड़े भू माफियाओं की नजर रहती है। इस एक मामले के खुलासे के बाद अब इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि मृत व्यक्तियों की जमीनों को हड़पने वाले गिरोह ने इसके पहले भी इसी तरह की कई बेशकीमती जमीनें अपने नाम करवा ली है लिहाजा पुलिस अधिकारी पुरानी फाइलों को खंगालने के साथ ही जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से नामांतरण के सभी मामलों की डिटेल मंगाने की भी तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि पूरे मामले की अगर गहराई से पड़ताल हुई तो नामांतरण के गोरखधंधे के बड़े खेल का न केवल पर्दाफाश होगा बल्कि करोड़ों की जमीनों में नकली वारिस बनाकर फर्जी नामांतरण कराए जाने वाले अन्य प्रकरण भी सामने आएंगे।