सावधान रहें...कहीं आप भी डिजिटल अरेस्ट न हो जाएं
इन दिनों डिजिटल अरेस्ट शब्द बार-बार सुनने को मिल रहा है। कभी अखबार में तो कभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर।
 
                                    बढ़ते मालमों के बीच सतर्कता ही बचने का एकमात्र उपाय
 
इन दिनों डिजिटल अरेस्ट शब्द बार-बार सुनने को मिल रहा है। कभी अखबार में तो कभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर। आखिर क्या है इस शब्द का अर्थ और क्यों इसके बारे में हमें जानकारी होना चाहिए। आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ बातें। 
डिजिटल अरेस्ट का मतलब है डिजिटल रूप से किसी की कैद में आना। सोशल मीडिया के जमाने में हर व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है। आपकी जरा सी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है। वर्तमान समय में सभी अपने-अपने बैंक खाते की जानकारी, आधारकार्ड, पेन कार्ड सब कुछ अपने मोबाईल पर ही रखते हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि आपका फोन ही आपका सब कुछ है। इसे संभालना आपकी पहली प्राथमिकता होना चाहिए।
किसी भी अनजान नंबर से आने वाले कॉल के कारण आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो सकते हैं। जी हां यह एक तरह का स्कैम है। जिसमें आपको स्कैमर वीडियो कॉल या फोन कॉल करके आपको आपके ही घर में कैद कर लेता है और फिर आपको मजबूर करके आपसे बड़ी रकम हथयाता है। इन दिनों इस तरह का स्कैम काफी चलन पर है। यह एक ऐसा स्कैम है जिसमें अधिकतर पढ़े-लिखे और समझदार लोग ही फंस रहे हैं।
हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें भोपाल के डॉक्टर दंपत्ति को उनके खाते से मनी लॉंड्रिंग के नाम से डराकर डिजिटल अरेस्ट कर लगभग 11 लाख रुपए की ठगी की गई। इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें लोग डिजिटल तौर पर ठगे जा रहे हैं। इसमें लेन-देन की रकम इतनी बड़ी होती है कि उसे वापस हासिल कर पाना नामुकिन हो जाता है।
सतर्कता है जरूरी
सोशल मीडिया के माध्यम से हर दिन नए तरीकों से होने वाले स्कैमों के बारे में जानकर भी लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं। इन सब के बावजूद भी लोग सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती कर रहे हैं और उनके साथ अपनी निजी जानकारियां साझा कर रहे हैं। इनसे बचने का एक मात्र उपाय है सतर्क और जागरुक रहना। शहर के ही 70 वर्षीय बुजुर्ग ने एक महिला से सोशल मीडिया पर मित्रता की और उसे यह मित्रता इतनी भारी पड़ी कि उसके साथ लगभग 53 लाख रुपए की ठगी हो गई। महिला ने स्वयं को यूके का बताया था। बुजुर्ग उसकी बातों में आ गया।
हर रोज होने वाली चैट से बुजुर्ग का महिला पर विश्वास बढ़ता गया और फिर महिला ने उसे कहा कि वो उनसे मिलने भारत आ रही है। फिर दिल्ली एयरपोर्ट का फोटो साझा किया और खुद को केन्द्रीय उत्पाद और सेवा शुल्क बोर्ड के अधिकारियों द्वारा पकड़ लेने की जानकारी दी। उसके बदले में खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहा। बुजुर्ग ने कई बार अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब बुजुर्ग ने पैसे देना बंद किया। तो उसे ब्लैकमेल करने का दौर शुरू हुआ। बुजुर्ग अवसाद का शिकार होकर बीमार हो गया। उसकी ऐसी हालत को देखकर पत्नी ने पूछताछ की तब यह मामला सामने आया। इस तरह से कई तरीकों से स्कैम किए जा रहे हैं। ऐसे में हमें सावधानी रखना होगा। खास बात यह है कि अब तक हुए स्कैमों में किसी के भी पैसे वापस नहीं मिले हैं।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए इन चीजों का रखें ध्यान
- किसी भी अनजान नंबर से आने वाले फोन कॉल पर रिस्पॉन्स न करें। 
- यदि कोई आपको फोन पर मनी लॉन्ड्रिंग, पार्सल में ड्रग्स मिलने, उपहार जीतने या फिर नौकरी का लालच देने जैसी बातें करें तो आप इन पर भरोसा न करें। 
- अपने मोबाइल में अपना फोन नंबर, डेट ऑफ बर्थ जैसे साधारण पासवर्ड को न चुनें। वर्तमान समय में कई तरह के मोबाइल लॉक चलन में है। इसमें आप बायोमेट्रिक पासवर्ड का चुनाव करें। 
- स्वयं सतर्क रहें और अपने आसपास के लोगों को भी सतर्क और जागरुक करें। 
- किसी भी लिंक पर न करें क्लिक । 
- बैंक खाते से जुड़े एप्स पर वैरिफिकेशन कोड जरूर शामिल करें।                        
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            