माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई को लेकर नेपाल ने पेश किया नया मसौदा कानून
नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई को सुरक्षित बनाने और भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए एक नया मसौदा कानून प्रस्तावित किया है।

केवल वही क्लाइम्बर्स एवरेस्ट चढ़ सकेंगे जिन्होंने नेपाल में कम से कम 7,000 मीटर ऊंची चोटी पहले चढ़ी हो
नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई को सुरक्षित बनाने और भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए एक नया मसौदा कानून प्रस्तावित किया है। इसके तहत अब केवल उन्हीं पर्वतारोहियों को एवरेस्ट चढ़ने की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने पहले नेपाल में कम से कम 7,000 मीटर ऊंचे किसी पर्वत को फतह किया हो।
यह प्रस्तावित कानून "एकीकृत पर्यटन विधेयक" का हिस्सा है, जिसे नेपाल की संसद के उच्च सदन में पेश किया गया है। चूंकि सत्ताधारी गठबंधन को बहुमत प्राप्त है, इसलिए इसके पारित होने की संभावना काफी अधिक है।
नेपाल पर अक्सर लगते थे आरोप-
नेपाल को अक्सर यह आरोप झेलना पड़ा है कि वह अनुभवहीन पर्वतारोहियों को भी एवरेस्ट पर चढ़ाई की अनुमति देता है। 2023 में जारी 478 परमिट्स में से कम से कम 12 पर्वतारोहियों की जान गई और पांच अब भी लापता हैं। इससे पहले 2022 में आठ लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनमें से कई ‘डेथ ज़ोन’ में मारे गए, जहां ऑक्सीजन की कमी और लंबी कतारें आम हैं।
नए कानून के जरूरी नियम कुछ इस तरह हैं:
- आवेदक को पहले नेपाल में किसी 7,000 मीटर ऊंचे पर्वत की चढ़ाई का प्रमाण देना होगा।
- अभियान के प्रमुख (सरदार) और गाइड का नेपाली नागरिक होना अनिवार्य होगा।
- सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पताल से पिछले एक महीने के भीतर जारी चिकित्सा प्रमाणपत्र जरूरी होगा।
- यदि कोई पर्वतारोही किसी विशेष रिकॉर्ड के लिए चढ़ाई करना चाहता है, तो उसे पहले से इसकी जानकारी देनी होगी।
- परमिट को स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा, लेकिन किसी आपदा या असाधारण स्थिति में रद्द हुए अभियान के लिए दो वर्षों तक वैध रहेगा।
- परमिट शुल्क में लगभग 36% की वृद्धि की जाएगी।
हाल ही में शुरू हुए 2025 के चढ़ाई सत्र में नेपाल अब तक 402 परमिट जारी कर चुका है और मई तक यह संख्या 500 के पार जाने की उम्मीद है। पर्वतारोहण से नेपाल को बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा मिलती है, लेकिन बढ़ती संख्या के कारण कचरा, मानव अपशिष्ट और पर्यावरणीय क्षरण भी बढ़ा है।
नए नियमों का उद्देश्य केवल अनुभवी पर्वतारोहियों को एवरेस्ट पर चढ़ाई की अनुमति देकर जोखिम और महंगे बचाव अभियानों की जरूरत को कम करना है। हालांकि, कुछ अंतरराष्ट्रीय अभियान संचालकों ने आपत्ति जताई है कि योग्य पर्वतारोहण अनुभव को केवल नेपाल में हासिल करने की बाध्यता उचित नहीं है। ऑस्ट्रिया की फर्टेनबाक एडवेंचर्स के लुकास फर्टेनबाक ने कहा कि नेपाल में पर्याप्त प्रशिक्षित गाइड की कमी है।