भारत में आयोजित GLEX में नहीं आ सके नासा के प्रतिनिधि, वजह जान हर कोई हैरान 

राजधानी दिल्ली में बुधवार से शुरू हुए तीन दिवसीय वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (GLEX) में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अनुपस्थिति ने सभी का ध्यान खींचा।

May 8, 2025 - 14:47
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भारत में आयोजित GLEX में नहीं आ सके नासा के प्रतिनिधि, वजह जान हर कोई हैरान 
NASA representatives could not attend GLEX held in India, everyone is surprised to know the reason

दिल्ली में शुरू हुआ तीन दिवसीय वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन

राजधानी दिल्ली में बुधवार से शुरू हुए तीन दिवसीय वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (GLEX) में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अनुपस्थिति ने सभी का ध्यान खींचा। इस सम्मेलन में नासा के दर्जन भर वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन वे इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके।

नासा के प्रतिनिधियों को नहीं मिला फंड-

मिली जानकारी के अनुसार, पैसों की कमी के चलते नासा के प्रतिनिधियों की यात्रा संभव नहीं हो सकी। आयोजन समिति के एक सदस्य ने बताया कि उन्हें इस बार यात्रा और भागीदारी के लिए फंड नहीं मिला। हालांकि इस सम्मेलन में चीन, जापान, कनाडा और यूरोप सहित 35 देशों की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के अधिकारी, 1700 से ज्यादा प्रतिनिधि और 10 अंतरिक्ष यात्री शामिल हुए।

सम्मेलन का मकसद-

यह सम्मेलन अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और सहयोग पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया था। इसे वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मंच माना जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप के बजट में हुई भरी कटौती-

बताया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद, उनकी सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2026 के बजट में की गई भारी कटौती का असर नासा पर भी पड़ा है। इसके चलते नासा के कई मिशन या तो स्थगित कर दिया गए यो फिर उन्हें रद्द करना पड़ा। इसमें मंगल ग्रह से सैंपल लाना वाला मिशन भी शामिल है। इन बदलावों ने नासा की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में भागीदारी को भी सीमित कर दिया है।

भारत ने पहली बार की मेजबानी-

इस सम्मेलन की मेजबानी पहली बार भारत ने की है, जो देश के बढ़ते अंतरिक्ष प्रभाव का प्रतीक है। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री संघ और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। एक आईएएफ सदस्य के अनुसार, नासा इस समय आंतरिक बदलावों से गुजर रहा है और कई प्रमुख पदों पर अब तक स्थायी नियुक्तियां नहीं हुई हैं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा-

हालांकि नासा की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही, लेकिन सम्मेलन की सफलता पर इसका असर नहीं पड़ा। इसमें अंतरिक्ष अनुसंधान के भविष्य, चंद्र और मंगल अभियानों, और जलवायु परिवर्तन से निपटने में अंतरिक्ष तकनीक की भूमिका जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इसरो ने गगनयान और चंद्रयान-4 मिशनों की जानकारी साझा की, जबकि निजी कंपनियों जैसे स्पेसएक्स और ब्लू ओरिजिन ने भी अपनी योजनाएं प्रस्तुत कीं।