ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भारतीय सेना के तीनों फोर्सेज ने कि प्रेस कॉन्फ्रेंस

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के तीनों सैन्य बलों आर्मी, एयर और नेवी के शीर्ष अधिकारियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान से जुड़ी अहम जानकारियां दी।

May 12, 2025 - 16:15
 24
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भारतीय सेना के तीनों फोर्सेज ने कि प्रेस कॉन्फ्रेंस
All three forces of the Indian Army held a press conference regarding Operation Sindoor
  • ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दी जानकारी,
  • भारतीय सेना की लड़ाई केवल आतंकवादियों के खिलाफ

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत के तीनों सैन्य बलों आर्मी, एयर और नेवी के शीर्ष अधिकारियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान से जुड़ी अहम जानकारियां दी। यह प्रेस ब्रीफिंग सीजफायर के बाद लगातार दूसरे दिन आयोजित की गई और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्रीफिंग की शुरुआत करते हुए एयरमार्शल एके भारती ने बताया कि पाकिस्तानी की ओर से किए गए हमलों को भारत के वायु रक्षा तंत्र ने पूरी तरह से नाकाम कर दिया। भारती ने कहा कि पाकिस्तान भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने में असफल रहा और भारतीय वायुसेना ने चीन और तुर्की निर्मित मिसाइलों को भी मार गिराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, लेकिन पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों की तरफदारी करते हुए खुद को इस संघर्ष में शामिल कर लिया।

वीडियो में दिखाई  कार्रवाई की झलक-

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "जब नाश मनुज पर छाता है..." और रामचरितमानस की चौपाई "विनय न मानत जलधि जड़..." के पाठ के साथ एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की झलक थी। यह प्रस्तुति पाकिस्तान को एक स्पष्ट और कठोर संदेश देने का प्रतीक थी।

पाकिस्तान को हुए नुकसान के लिए वे खुद जिम्मेदार-

भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पीओके और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ढांचों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। उन्होंने दोहराया कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी, लेकिन पाकिस्तान सेना ने जानबूझकर आतंकियों का साथ देने का निर्णय लिया, जिससे उसे हुए नुकसान के लिए वही जिम्मेदार है।

 स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली का बेहतरीन प्रदर्शन-

आकाश मिसाइल प्रणाली की विशेष रूप से सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह प्रणाली 25–30 किमी की दूरी पर दुश्मन के विमानों और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम कई स्तरों पर काम करता है, और देश की सभी सैन्य सुविधाएं पूरी तरह ऑपरेशनल हैं।

समय रहते नष्ट की चीनी और तुर्की मिसाइलें-

एयर मार्शल भारती ने यह भी बताया कि पाकिस्तान द्वारा दागी गई चीनी पीएल-15ई और तुर्की निर्मित यिहा मिसाइलों को भी भारतीय डिफेंस सिस्टम ने समय रहते नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने लॉन्ग रेंज रॉकेट्स का भी इस्तेमाल किया, लेकिन भारत के एकीकृत एयर कमांड और कंट्रोल सिस्टम ने हर हमले को विफल कर दिया।

उन्होंने अंत में कहा कि भारतीय वायुसेना पूरी तरह से सतर्क और तैयार है, और जरूरत पड़ने पर किसी भी मिशन को अंजाम देने के लिए तत्पर है।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव ने किया विराट कोहली का जिक्र-

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक अनोखे अंदाज में क्रिकेट और सुरक्षा प्रणाली को जोड़ते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने शुरुआत विराट कोहली के जिक्र से की और कहा कि वे विराट कोहली के बड़े फैन हैं। उन्होंने कहा, “आज शायद क्रिकेट की बात भी करनी चाहिए, क्योंकि मैंने देखा कि विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वह मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं।” उनके इस बयान ने क्रिकेट प्रेमियों को खासा भावुक कर दिया और सोशल मीडिया पर उन्हें खूब सराहा गया।

क्रिकेट के उदाहरण से समझाई रक्षा प्रणाली

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत कठिन है। उन्होंने इस पूरे सिनेरियो को क्रिकेट की भाषा में समझाने का कोशिश की। उन्होंने 1970 के दशक की एशेज सीरीज का उदाहरण देते हुए कहा कि उस वक्त ऑस्ट्रेलिया के दो तेज गेंदबाज जेफ थॉम्सन और डेनिस लिली इंग्लैंड की बल्लेबाजी पर कहर बनकर टूटे थे। उस दौर में एक मशहूर कहावत चलन में थी "Ashes to ashes, dust to dust, if Thommo don't get ya, Lillee must", यानी अगर थॉम्सन तुम्हें आउट नहीं कर सके, तो लिली जरूर कर देंगे।

घई ने इसी बात को भारत के एयर डिफेंस लेयर सिस्टम से जोड़ते हुए कहा कि हमारी रक्षा प्रणाली भी ऐसी ही है अगर कोई दुश्मन पहली परत पार कर भी जाए, तो दूसरी या तीसरी लेयर उसे जरूर रोक लेगी। उन्होंने बताया कि इस बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के कारण दुश्मन के लिए भारत के रणनीतिक ठिकानों को नुकसान पहुंचाना लगभग असंभव है।