इंदौर बना देश का पहला भिखारी-मुक्त शहर, पुनर्वास अभियान ने बदली हजारों की ज़िंदगी

इंदौर अब भारत का पहला ऐसा शहर बन गया है जिसे "भिखारी-मुक्त शहर" घोषित किया गया है।

May 12, 2025 - 14:24
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इंदौर बना देश का पहला भिखारी-मुक्त शहर, पुनर्वास अभियान ने बदली हजारों की ज़िंदगी
Indore became the country's first beggar-free city rehabilitation campaign changed the lives of thousands

स्वच्छता के लिए देशभर में पहचान बना चुका मध्य प्रदेश का इंदौर शहर अब एक और बड़ी उपलब्धि के लिए सुर्खियों में है। इंदौर अब भारत का पहला ऐसा शहर बन गया है जिसे "भिखारी-मुक्त शहर" घोषित किया गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि एक सोच-समझकर चलाए गए पुनर्वास अभियान की बदौलत संभव हो सकी, जिसने न केवल हजारों लोगों की ज़िंदगी को नई दिशा दी, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा भी पेश की है।

प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, करीब एक साल पहले तक इंदौर की सड़कों पर लगभग 5,000 भिखारी मौजूद थे, जिनमें लगभग 500 बच्चे भी शामिल थे। अब प्रशासन का दावा है कि इन सभी को या तो पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है या उन्हें आजीविका और सम्मानजनक जीवन के बेहतर विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। नतीजतन, अब इंदौर की सड़कों पर कोई भिखारी नजर नहीं आता।

आइए जानते हैं कि कौन-से प्रमुख कदमों और अभियानों के तहत इंदौर ने यह बदलाव हासिल किया और क्या विशेषताएं इसे देश के बाकी शहरों से अलग बनाती हैं।

इंदौर में भिखारी-मुक्त अभियान: सामाजिक न्याय मंत्रालय की पहल और सख्त नियमों ने बदला शहर का चेहरा

इंदौर का भिखारी-मुक्त शहर बनने का सफर फरवरी 2024 में शुरू हुआ था, जब सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत भिक्षा की समस्या को हल करने की योजना बनाई थी। इस पहल में इंदौर ने सबसे आगे बढ़कर इस लक्ष्य को हासिल किया।

इस परिवर्तन को स्थायी बनाने के लिए, इंदौर में अब भिखारी को पैसे देना, उनसे कोई वस्तु खरीदना या खुद भीख मांगना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई भी शुरू की है, और अब तक इस नियम का उल्लंघन करने पर तीन एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी हैं।

इसी मुहिम को और सशक्त बनाने के लिए प्रशासन ने एक अनोखी योजना भी लागू की है। यदि कोई नागरिक भिखारियों के बारे में जानकारी देता है, तो उसे ₹1,000 का इनाम दिया जाता है। इस योजना ने लोगों को इस अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है, और अब तक कई नागरिकों को यह इनाम मिल चुका है।

यह अभियान न केवल इंदौर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श बन चुका है, जहां प्रशासन और नागरिकों की सामूहिक कोशिशों से एक बड़ा सामाजिक बदलाव देखने को मिला है।