6 मई को मनाया जाता है वर्ल्ड अस्थमा डे, इस साल की थीम है कुछ खास
हर साल मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। आइए जानते है कि क्या है 6 मई का इतिहास, महत्व और क्या है इस साल की खास थीम।

जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्व
देशभर में पोल्लुशन इतना बढ़ गया है, जिसके चलते लोगों को अक्सर कई बीमारियों का सामना करना पढता है। ऐसे में सबसे कॉमन बीमारी जो लोगों में देखने मिलती है वो अस्थमा है। अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो अक्सर लोगों में देखने को मिलती है। ऐसे में लोगों को जागरुक करना और उन्हें बताना की कैसे इससे बचा जा सकता है या फिर कैसे इसका इलाज हो सकता है काफी अहम हो जाता है।
हर साल मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। आइए जानते है कि क्या है 6 मई का इतिहास, महत्व और क्या है इस साल की खास थीम जो हर अस्थमा पेशेंट के लिए एक समान हक की बात करती है।
क्या है अस्थमा-
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो हमारी सांस की नली को असर करती है। इसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है, बार-बार खांसी आती है, सीने में भारीपन लगता है और सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आती है। यह परेशानी धूल, धुआं, मौसम बदलने, फूलों के पॉलिन या तनाव की वजह से और बढ़ सकती है।
1998 में हुई थी शुरुआत -
Global Initiative for Asthma (GINA) नामक संस्था द्वारा 1998 में विश्व अस्थमा दिवस की गई थी। इसका पहला आयोजन बार्सिलोना, स्पेन में हुआ था। इस आयोजन में करीब 35 देशों ने हिस्सा लिया था। तब से लेकर आज तक हर साल GINA इस दिन को एक खास थीम के साथ मनाता है, ताकि लोगों का अलग-अलग पहलुओं पर ध्यान दिलाया जा सके।
विश्व अस्थमा दिवस का महत्व-
यह दिवस इसलिए भी जरुरी है क्योंकि यह लोगों को अस्थमा के बारे में जागरुक करता है और बताता है कि यह बीमारी क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं, इसका इलाज कैसे किया जा सकता है और इसे होने से कैसे रोका जा सकता है। दरअसल, आज भी लोगों के मन में अस्थमा को लेकर कई मिथ बने हुए है, तो यह दिन उन गलतफहमियों को दूर करने और सही जानकारी देने का मौका देता है।
यह दिन सिर्फ लोगों को ही नहीं, बल्कि यह दिन सरकार और स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं को भी यह याद दिलाता है कि अस्थमा को रोकने और उसका सही इलाज करने के लिए उन्हें बेहतर योजनाएं बनानी चाहिए और जरूरी सुविधाएं लोगों तक पहुंचानी चाहिए। साथ ही, यह दिन इस बात पर भी ध्यान देता है कि अस्थमा पर और रिसर्च होनी चाहिए, ताकि इसके नए और बेहतर इलाज सामने आ सकें।
क्या है विश्व अस्थमा दिवस 2025 की थीम-
साल 2025 के लिए विश्व अस्थमा दिवस की थीम "मेक इनहेल्ड ट्रीटमेंट्स एक्सेसिबल फॉर ऑल" (Make Inhaled Treatments Accessible for ALL) है। इसका मतलब है कि सभी लोगों तक सांस से जुड़ी दवाएं आसानी से पहुंचनी चाहिए। खासकर वे दवाएं जो इनहेलर से ली जाती हैं और जिनमें स्टेरॉयड होता है, वे अस्थमा को ठीक रखने के लिए बहुत जरूरी हैं और हर किसी को मिलनी चाहिए। इस थीम का मकसद है अस्थमा की वजह से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना। इसके साथ ही, हर जगह ये दवाएं उपलब्ध हों, इस बात पर ज्यादा से ज्यादा जोर देना चाहिए।
सोच बदलने की है जरूरत-
अस्थमा के मरीजों को न केवल फिजिकल सपोर्ट की जरूरत होती है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें साहरा चाहिए होता है। समाज में फैली गलतफहमियां जैसे कि "अस्थमा छूने से फैलता है" या "इनहेलर का इस्तेमाल करने से आदत पड़ जाती है"। आद के दौर में हमें इन बातों से दूर रहने की जरूरत है।