जानिए किस दिन मनाई जाएगी नरसिंह जयंती, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाई जाती है। पुराणों के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का अंत किया था और अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी।

वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाई जाती है। पुराणों के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का अंत किया था और अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। साल 2025 में यह पर्व 11 मई को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु के नरसिंह रूप की विशेष पूजा और उपवास की परंपरा है।
पूजा विधि-
इस दिन सुबह स्नान कर नए कपडे पहने। पूजा के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा को साफ करके, गाय के गोबर से लीपें और वहाँ आठ पंखुड़ियों वाला कमल बनाएं। कमल के मध्य में कलश स्थापित करें और उसके ऊपर चावल से भरा एक पात्र रखें। उस पात्र पर भगवान नरसिंह और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद पूजा की शुरुआत करें, मूर्तियों को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर चंदन, रोली, कपूर, तुलसीदल, पुष्प, फल, पीले वस्त्र आदि अर्पित करें। दीप और धूप से आरती करें।
नरसिंह जयंती पर नीचे दिए गए मंत्र का जप करना अत्यंत फलदायक माना जाता है:
ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखं ।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ॥
इस मंत्र का जप करने से डर ख़त्म होता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है, और नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं। यह शत्रुओं पर विजय पाने में भी सहायक होता है।
-एक और शक्तिशाली मंत्र है, जो विशेष रूप से तांत्रिको द्वारा प्रयोगों और नकारात्मक ऊर्जा के नाश के लिए होता है:
ऊँ नमो नृसिंहाय हिरण्यकश्यपु वक्षस्थल विदारणाय... स्वाहा।।
धन प्राप्ति के लिए-
धन लाभ हेतु: बेल की लकड़ियों से अग्नि प्रज्वलित कर उसमें हवन करें या बेल पत्रों से आहुति दें।
अच्छे स्वास्थ के लिए-
स्वास्थ्य लाभ हेतु: बेल के फूल और फल से हवन करना लाभकारी माना गया है।