इंदौर में ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक, विजय शाह नदारद
मध्य प्रदेश सरकार की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक इंदौर के राजवाड़ा में आयोजित की गई है, जो माता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर हो रही है।

मध्य प्रदेश सरकार की ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक इंदौर के राजवाड़ा में आयोजित की गई है, जो माता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर हो रही है। बैठक से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने मंत्रियों के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई, जिस पर सभी की नजरें इस बात पर टिकी थीं कि विवादों में घिरे मंत्री विजय शाह इसमें नजर आएंगे या नहीं।
सरकार द्वारा जारी की गई तस्वीरों में विजय शाह नहीं दिखे। वे जनजातीय कार्य मंत्री हैं और हाल ही में कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादास्पद बयान के कारण चर्चा में हैं। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है और सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच का आदेश दिया है।
इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या विजय शाह स्वेच्छा से बैठक में शामिल नहीं हुए या सरकार ने उन्हें दूर रखा। क्योंकि यदि वे बैठक में आते, तो मीडिया का पूरा ध्यान उन्हीं पर केंद्रित हो जाता और विवाद और बढ़ सकता था। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें बैठक से दूर रखकर मामला संभालने की कोशिश की गई है।
राजवाड़ा में खींची गई मंत्रियों की ग्रुप फोटो में भी विजय शाह अनुपस्थित हैं, जिससे स्पष्ट हो गया कि वे कैबिनेट बैठक में नहीं आए। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे पिछले कुछ समय से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे हैं, न सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और न ही पार्टी के किसी नेता से मुलाकात की खबर सामने आई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि वे फिलहाल अंडरग्राउंड हैं।
विजय शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एसआईटी
विजय शाह से जुड़े विवादित मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। इस टीम में तीन आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है और इसका गठन मध्य प्रदेश के डीजीपी द्वारा किया गया है। एसआईटी को अपनी शुरुआती रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में 28 मई को पेश करनी है। इसके आधार पर कोर्ट आगे की कार्यवाही तय करेगी।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि आने वाले दिनों में विजय शाह की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। फिलहाल पार्टी और सरकार इस मामले में ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं, यानी वे मामले की गंभीरता को समझते हुए कोई तात्कालिक निर्णय नहीं ले रही हैं।