54 सालों बाद देश में एक बार फिर होगा मॉक ड्रिल का अभ्यास
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों पडोसी देशो के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

244 चिन्हित जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के निर्देश
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और उसके पड़ोसी देश के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस दिन देशभर के 244 चिन्हित जिलों में बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराई जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थितियों जैसे हवाई हमले या अन्य प्रकार के हमलों—से निपटने के लिए तैयार करना है। यह अभ्यास लोगों को सुरक्षा उपाय, सुरक्षित निकासी और आपातकालीन प्रतिक्रिया की जानकारी देने और उनका प्रशिक्षण देने पर केंद्रित होगा।
54 साल पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था मॉक ड्रिल-
आपको बता दें कि 1971 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से जारी किया गया इस तरह का पहला आदेश है। इस तरह की व्यापक मॉक ड्रिल 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुई थी। उस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी। ऐसा कहा जा सकता है कि 54 साल बाद एक बार फिर इस तरह का आदेश जारी हुआ है।
मॉक ड्रिल का मुख्या उद्देश्य लोगों को जागरूक करना-
इस मॉक ड्रिल का मुख्य लक्ष्य नागरिकों को हवाई हमले या अन्य हमलों की स्थिति में शांत रहने, सुरक्षित आश्रय लेने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार करना है। यह अभ्यास विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान सीमा के पास मौजूद राज्यों जैसे- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सामरिक रूप से संवेदनशील जिलों में महत्वपूर्ण होगा। यह मॉक ड्रिल गांव स्तर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें अग्निशमन सेवाएं, होम गार्ड और सिविल डिफेंस संगठन सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
यह रहेंगे नागरिकों के लिए दिशानिर्देश-
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मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाला सायरन बज सकता है, लेकिन यह सिर्फ अभ्यास है। इसलिए डरें नहीं, बस शांत रहें और जो भी निर्देश दिए जाएं, उनका पालन करें।
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अगर आप बाहर हैं तो तुरंत पास की किसी सुरक्षित इमारत, घर या बंकर में शरण लें। कोशिश करें कि सायरन बजने के 5 से 10 मिनट के भीतर सुरक्षित जगह पहुंच जाएं।
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इस दौरान सारी लाइटें बंद कर दी जाएंगी ताकि दुश्मन को कोई निशाना न दिखे। अपने घर की खिड़कियों और दरवाजों को काले कपड़े या किसी और चीज़ से ढक दें ताकि रोशनी बाहर न जाए। बाहर गाड़ी चला रहे हों तो लाइट बंद कर दें और वाहन रोक दें, जैसा प्रशासन कहे।
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इस अभ्यास में लोगों को यह सिखाया जाएगा कि हवाई हमले जैसी स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखें। इसमें बंकर में जाना, प्राथमिक चिकित्सा देना और कैसे निकासी करनी है, जैसी चीजें सिखाई जाएंगी।
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कुछ लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाएगा। इसलिए पहले से जान लें कि आपके इलाके में निकासी का रास्ता और सुरक्षित स्थान कौन सा है। अपने परिवार के साथ इस बारे में बात कर लें।
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टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट को सुनते रहें। किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। सिर्फ सरकारी और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें।
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एक ऐसा बैग तैयार रखें जिसमें पानी, सूखा खाना, प्राथमिक इलाज की चीजें, टॉर्च, बैटरियाँ, जरूरी कागज़ों की कॉपी, कुछ कपड़े और कंबल हों। यह किट तुरंत मिलनी चाहिए।
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अगर आप सिविल डिफेंस या होम गार्ड से जुड़े हैं तो अपनी जिम्मेदारी निभाएं और दूसरों की मदद करें। पड़ोसियों के साथ मिलकर एक-दूसरे की सहायता करें।
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बच्चों को मॉक ड्रिल के बारे में पहले से बताएं ताकि वे डरें नहीं। बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने में मदद करें।
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सोशल मीडिया या किसी भी अनौपचारिक स्रोत से मिली खबरों पर भरोसा न करें। सिर्फ सरकारी जानकारी पर ही ध्यान दें।