बॉर्डर पर हो सकती है धोनी, सचिन से लेकर सचिन पायलट तक की पोस्टिंग 

हाल ही में बढ़ते भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते टेरिटोरियल आर्मी को सीमा पर तैनात किया जा सकता है।

May 9, 2025 - 16:18
 40
बॉर्डर पर हो सकती है धोनी, सचिन से लेकर सचिन पायलट तक की पोस्टिंग 
From Dhoni to Sachin to Sachin Pilot, everyone can be posted on the border

हाल ही में बढ़ते भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते टेरिटोरियल आर्मी को सीमा पर तैनात किया जा सकता है। ऐसे में भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट दोनों टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं। रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने टेरिटोरियल आर्मी नियम 1948 के तहत थलसेना प्रमुख को यह अधिकार दिया है कि वह टेरिटोरियल आर्मी के अधिकारियों और सैनिकों को आवश्यक सुरक्षा ड्यूटी या नियमित सेना के समर्थन में सक्रिय सेवा में बुला सकते हैं।

विभिन्न सैन्य कमांडों में होगी तैनाती-

नई अधिसूचना के अनुसार, 32 टेरिटोरियल आर्मी इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को विभिन्न सैन्य कमांडों में तैनात किया जाएगा, जैसे साउदर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्दर्न कमांड, आदि। इन बटालियनों की तैनाती बजट की उपलब्धता के आधार पर की जाएगी, और यदि किसी मंत्रालय के अनुरोध पर तैनात किया जाता है, तो उसकी लागत संबंधित मंत्रालय के बजट से काटी जाएगी।

टेरिटोरियल आर्मी करती है सेना की मदद-

टेरिटोरियल आर्मी एक विशेष प्रकार की सेना है जो नियमित सेना की मदद करती है। इसमें भाग लेने वाले लोग अपनी अन्य नौकरी के साथ सेना की सेवा भी कर सकते हैं। इस सेवा में शामिल होने के लिए 18 से 42 साल के ग्रेजुएट नागरिक शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने चाहिए। यह एक वॉलंटियर सर्विस है, जिसमें सेवा की अवधि तब तक होती है जब तक आवश्यकता हो।

यह बड़े दिग्गज भी टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा-

महेंद्र सिंह धोनी (लेफ्टिनेंट कर्नल, मानद)-
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई थी। वे 106 TA बटालियन (पैरा), पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा हैं। धोनी ने न केवल क्रिकेट के मैदान पर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया, बल्कि सेना के साथ प्रशिक्षण और शिविरों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया है।

सचिन पायलट (कप्तान)-

कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 2012 में प्रादेशिक सेना में नियमित कमीशन प्राप्त करने वाले पहले केंद्रीय मंत्री बने। पायलट का परिवार सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है, क्योंकि उनके पिता स्व. राजेश पायलट और दादा भी सेना से जुड़े थे, जिससे उनकी सेना में सेवा एक पारिवारिक परंपरा बन गई है।

सचिन तेंदुलकर (ग्रुप कैप्टन, मानद)-

क्रिकेट जगत के भगवान कह जाने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को 2010 में भारतीय वायुसेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि दी गई थी। तेंदुलकर ने अपनी प्रसिद्धि का उपयोग युवाओं को सैन्य सेवा के प्रति प्रेरित करने के लिए किया है और टेरिटोरियल आर्मी से भी जुड़े रहे हैं।

अनुराग ठाकुर (कप्तान)-

भा.ज.पा. सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी प्रादेशिक सेना में कप्तान के पद पर सेवा दे चुके हैं। उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता को बार-बार प्रदर्शित किया है और देश की सेवा में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।

अभिनव बिंद्रा (मेजर)-

भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा प्रादेशिक सेना में मेजर के पद पर हैं। बिंद्रा ने खेल में अपनी उपलब्धियों के साथ-साथ सेना में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

कपिल देव (कर्नल, मानद)-

1983 में विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव को प्रादेशिक सेना में मानद कर्नल की उपाधि प्राप्त है। उनकी नेतृत्व क्षमता और देश के प्रति प्रेम ने उन्हें सेना में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा-

प्रादेशिक सेना की महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा ने इतिहास रचा है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने टेरिटोरियल आर्मी में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।